Sunday 10 June 2012

माँ की ममता ....
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जिन्दगी में गम कम नही है ,
गम से घबराने,वाले हम नही है ..
जिसने दिया , आंसू ही दिया ,
वक्त से डरने वाले हम नही है ..

ममता के आँचल में सुला न पाई..
आंचल के झूले में झुला न पाई ..
कैसी बदनसीब माँ हूँ मैं भी ,
अपने रोते बच्चे को , बहला न पाई ,,

लिखी थी रब ने , जिन्दगी ही कम ..
तुमसे दूर ले गई , ये मौत बेरहम ..
काश ! एक बार जिन्दगी दे देती .
आँचल में छिपा लेती तेरे सारे गम ..

मेरे बच्चे , मेरी लिए तुम
कभी याद में आंसू न बहाना ..
जब याद मेरी आये तो .
मेरे बच्चे तुम जरा मुस्कुराना ...

आउंगी मैं तेरे ही घर ...
रूह मेरी सदा तेरे ही पास है ..
एक बार जरा दिल से हंस दे ..
रहता क्यों तू इतना उदास है ..............सुनीता शर्माजी द्वारा मुझे स्पेशल भेंट